Thursday, August 21, 2014

Holy Cow Entertainment - ICF Triple Cube Winner



Holy Cow Entertainment (HCE) wins the Triple-Cube Title by getting maximum number of votes in 3 consecutive annual polls (2012-2014) organized by Indian Comics Fandom magazine. Runner-up: Campfire Graphic Novels. Total Publications - 28.


Partner Communities - Indian Comics Universe Fan Club, RFN, RCF, Indian Comics Galaxy, Indian Comics Fans Junction, Comics Diwane. 


Maximum Votes (2013) - Poll links shared by all the companies (Total Votes - 852)
Least Votes (2014) - Poll only shared by ICF and partner communities (Total Votes - 216)
*New Publications (Started post year 2006)




Wednesday, August 6, 2014

कार्टूनिस्ट प्राण को पीढ़ियों के बचपन की श्रद्धांजलि (कविता) - मोहित शर्मा ज़हन



जिस राह कोई चला नहीं,
उस पर कदम बढ़ाये,
आम लोगो के बीच से ख़ास किरदार उठाये,
फैंटम-मैंड्रेक और फैंटसी की लथ छुड़वाई,
कितनी ही किवदंती याद करवाई,
जाने कैसे सहजता से कथाओं में अपना देसीपन भर लाये। 

दशको तक चाचा क्या पिंकी ऊँगली पकड़ चलाये,
भाषा की बंदिश को तोडा,
तरह-तरह बंदो को जोड़ा,
झूठी मिथको को झकझोरा,
बूढे, बच्चो और गृहणियों को पकड़ सुपरहीरो से करतब करवायें। 

आपका उदाहरण दें विस्मित किशोर आज तक कला में भविष्य बनायें,
मनोरंजन से जनचेतना की पूरी हुयी उनकी आशा,
ढाई साल के बच्चे से लेकर अर्द्धचेतन अधेड़ तक समझे उनकी भाषा। 
अरसो यूँ गुदगुदा कर आँखें नम करवायें,
लाखो चित्र, करोड़ों प्रशंषक,
आसमान को देखें एकटक,
चाचा जी के पापा को वापस बुलायें,
ताकि फिर से वो अपना एक स्वप्निल जगत बनाये,
और फिर से कितनी पीढ़ियों के बचपन में प्राण फूँक जायें। 

आज हमारे बीच प्रख्यात कलाकार, कथाकार, कार्टूनिस्ट और जनसेवक श्री प्राण कुमार शर्मा जी नहीं रहे। अनेको देसी-विदेशी सम्मानों (जिनमे प्रमुख है इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ कार्टूनिस्टस द्वारा लाइफ टाइम अचीवमेंट (2001), कॉमिक कॉन इंडिया का लाइफ टाइम अचीवमेंट, लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड्स के पीपल ऑफ़ दी ईयर सूची में सम्मिलित (1995), उनकी कॉमिक 'हम एक है' (रमन) का तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा राष्ट्रीय विमोचन (1983), अमेरिका के इंटरनेशनल म्यूज़ियम ऑफ़ कार्टून आर्ट में उनकी कला का स्थाई प्रदर्शन) के अलावा उनकी सबसे बढ़ी उपलब्धि है 1960 के दशक से लेकर अब तक कई पीढ़ियों पर एक सकारात्मक असर डालना और मुझे विश्वास है आगे भी उनका अमर काम ऐसा करता रहेगा। रोज़मर्रा के जीवन से ऐसे किरदार उठा लाये जिन्होंने आयातित विदेशी मनोरंजन के बाज़ार मे एक बड़ा हिस्सा ले लिया। उनकी आत्मा को शांति मिले और उनके काम से यूँ ही लोग प्रेरित होते रहे। प्राण जी को मेरा शत-शत नमन! 


- मोहित शर्मा (ज़हन)