Saturday, April 30, 2016

Comic Fan Fest 5 (April 2016)


Comic Fan Fest # 5 (24 April 2016) - Delhi, Lucknow and Hyderabad
Delhi Chief Guest - Writer Mr. Bimal Chatterjee

"Bimal ji sharing his experience at Comic Fan Fest 5. In background cover of a comic written by Mr. Bimal Chatterjee which broke all records that time.
Khooni Danav is also the first digest of Indian Comic Industry."

24 अप्रैल 2016 को कॉमिक फैन फेस्ट इवेंट का पांचवा संस्करण कई यादगार पलों के साथ संपन्न हुआ। इस बार फेस्ट दिल्ली के साथ-साथ लखनऊ और हैदराबाद में भी मनाया गया। दिल्ली में मुख्य अथिति के रूप में प्रख्यात लेखक-कलाकार श्री बिमल चटर्जी ने आयोजन की शोभा बढ़ायी। आने वाले सदस्यों को कुछ उपहार भी वितरित किये गए। हैदराबाद आयोजन जयंत कुमार ने सम्भाला तो लखनऊ की ज़िम्मा मेरे हिस्से आया। हर बार की तरह इस आयोजन के ज़रिये कुछ नए कॉमिक प्रेमी मित्रों से मिलना हुआ। - मोहित शर्मा ज़हन

Saturday, April 16, 2016

Interview with Akshay Dhar (Meta Desi Comics) - हिंदी साक्षात्कार

काफी समय से कॉमिक्स जगत में सक्रीय लेखक-कलाकार-प्रकाशक अक्षय धर का मार्च 2016 में साक्षात्कार लिया। जानकार अच्छा लगा कि भारत में कई कलाकार, लेखक इतने कम प्रोत्साहन के बाद भी लगातार बढ़िया काम कर रहें हैं। पेश है अक्षय के इंटरव्यू के मुख्य अंश। - मोहित शर्मा ज़हन

Q - अपने बारे में कुछ बताएं? 
अक्षय - मेरा नाम अक्षय धर है और मैं एक लेखक हूँ। लेखन मुझे किसी भी और चीज़ से ज़्यादा पसंद है। मैं मेटा देसी कॉमिक्स प्रकाशन का संस्थापक हूँ। अपने प्रकाशन के लिए कुछ कॉमिक्स का लेखन और संपादन का काम भी करता हूँ। अपने काम में कितना सफल हूँ, यह आप लोग बेहतर बता सकते हैं। 

Q - पहले और अब आर्टिस्ट व लेखकों में क्या अंतर महसूस किया आपने?
अक्षय - कॉमिक्स के मामले में ज़्यादा अंतर नहीं लगता मुझे, क्योकि विदेशो की तुलना में भारत में कभी भी उतना विस्तृत और प्रतिस्पर्धात्मक कॉमिक्स कल्चर नहीं रहा। हाँ पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न कलाकारों, लेखकों का काम देखने को मिल रहा है। फिर भी पहले लेखकों की फोल्लोविंग अधिक थी, यह स्थिति धीरे-धीरे चित्रकारों, कलाकारों के पक्ष में झुक रही है। भारत के साथ-साथ अन्य देशो के कॉमिक इवेंट्स में लेखकों की तुलना में कलाकारों अधिक आकर्षण का केंद्र रहते हैं। अब कॉमिक्स की कहानियों और कला में बेहतर संतुलन देखने को मिल रहा है।

Q - आपके पसंदीदा कलाकार, लेखक और क्यों?
अक्षय - मेरे पसंदीदा लेखक और कलाकार पाश्चात्य प्रकाशनों से हैं क्योकि वहां जैसे प्रयोग, अनुशासन और अनुभव भारत में कम देखने को मिलते हैं। लेखकों में मैं Mark Waid, Greg Rucka, Jim Zum, Jeff Parker, Grant Morrison, Garth Ennis, Gail Simone and Warren Ellis का काम बड़े चाव से पढता हूँ। कलाकारों में Geof Darrow and J.H.Williams. हालांकि, Adam Hughes, Stjepan Sejic and Darick Robertson जैसे आर्टिस्ट्स का काम मुझे अच्छा लगता है। 

Q - अपने देश में कॉमिक्स का क्या भविष्य देखते हैं?
अक्षय - भारत में बहुत सम्भावनाएं है। कला, कहानियों-किवदंतियों-किस्सों के रूप में हमारे पास अथाह धरोहर है। हमारे इतिहास में इन कलाओं के कई उदाहरण है। इतनी संभावनाओं के होने के बाद भी आम देशवासी का नजरिया कॉमिक्स के प्रति बड़ा नकारात्मक और निराश करने वाला है। अगर लोग कॉमिक्स को बच्चों की तरह बड़ो के लिए भी माने और उनको साहित्य में जगह दें। कॉमिक्स को नकारने के बजाये एक कहानी, शिक्षा को बताने का साहित्यिक तरीका मानें, तो भारतीय कॉमिक्स बहुत जल्द बड़े स्तर पर आ जाएंगी।  

Q - इंडिपेंडेंट कॉमिक्स प्रकाशित करना इतना मुश्किल काम क्यों है?
अक्षय - भारत में इंडिपेंडेंट कॉमिक्स बनाना और प्रकाशित करना बहुत मुश्किल हैं, क्योकि - 
1. "बचकानी चीज़" कॉमिक्स की जो छवि बनी है देश के लोगो के दिमाग में वो सबसे बड़ी बाधा है। लोगो को थोड़ा लचीला होना चाहिए। 
2. दुर्भाग्यवश, पहले से ही कम कॉमिक पाठकों में अधिकतर भारतीय कॉमिक फैंस कुछ किरदारों या 2-3 प्रकाशनों के अलावा किसी नयी कॉमिक को पढ़ना पसंद नहीं करते। बैटमैन, नागराज, चाचा चौधरी पढ़िए पर नए प्रकाशनों को भी ज़रूर मौका दीजिये। 

Q - अब तक का अपना सबसे चुनौतीपूर्ण और सर्वश्रेष्ठ काम किसे मानते हैं और क्यों? 

अक्षय - ग्राउंड जीरो ऍंथोलॉजी के अंतिम 2 कॉमिक्स के बारे में सोचकर गर्व महसूस करता हूँ। यह काम दर्जन भर से अधिक उन लोगो की ऐसी टीम के साथ किया जिन्हे कॉमिक्स के बारे में कोई अनुभव नहीं था। मुझे प्रकाशन का अनुभव नहीं था फिर भी जिस स्तर की ये कॉमिक्स बनी है देख कर अच्छा लगता है। साथ ही पाठको को हर कॉमिक्स के साथ हमारे लेखन, कला में सुधार लगेगा। 

 रैट्रोग्रेड के लिए मन में एक सॉफ्टस्पॉट हमेशा रहेगा। दिल्ली में आयोजित, भारत के पहले कॉमिक कॉन में पॉप कल्चर द्वारा प्रकाशित मेरी यह कॉमिक पाठकों द्वारा काफी सराही गयी थी। यह एक बड़ी कहानी है, जिसे मैं आगे जारी करना चाहता हूँ, जिसपर विचार चल रहा है। अभी तक इवेंट्स में लोग हमारे स्टाल पर रूककर इस कॉमिक, कहानी के बारे में पूछते हैं। 

Q - मेटा देसी कॉमिक्स के अब तक के सफर के बारे मे  बताएं।
अक्षय - मेटा देसी कॉमिक्स की शुरुआत मैंने उन प्रतिभाओं को मौका देने के लिए की थी, जिनसे मैं अपने देश भर में कॉमिक इवेंट्स के दौरान मिला था। अपनी तरफ से कुछ कलाकारों, लेखकों की मदद के लिए यह कदम उठाया था। धीरे-धीरे इसका इतना विस्तार हुआ कि अब मेटा देसी की अच्छी-खासी फॉलोइंग है। ग्राउंड जीरो सीरीज में 3 कॉमिक्स आने के बाद अब हमनें पाठको की मांग पर अभिजीत किनी द्वारा बनाए गए होली हेल को अलग कॉमिक दी है। जातक माँगा के रूप में हमारी वेबसाइट पर वेबकॉमिक चल रही है। जिसमे हम बिना शब्दों का प्रयोग कर माँगा स्टाइल में जातक कथाएं बना रहें हैं। हाल ही में चेरियट कॉमिक्स के साथ मिलकर एक नयी लाइन आईसीबीएम कॉमिक्स की शुरुआत की है, जिसमे पाठको को अलग अंदाज़ में कुछ कॉमिक्स मिलेंगी। ऐसा करने से प्रकाशन में हमारा खर्च भी साझा हुआ है।

Q - कॉमिक कॉन जैसे इवेंट्स में क्या सुधार होने चाहिए?
अक्षय - कॉमिक कॉन में दोनों तरह की बातें है। एक तरफ इतने बड़े इवेंट के रूप में कई इंडिपेंडेंट पब्लिशर, रचनाकारों को एक प्लेटफार्म मिलता है, वहीं दूसरी और उनपर मर्केंडाइज, गिफ्ट आदि कंपनियों को अधिक स्टाल देकर कॉमिक इवेंट को डाइल्यूट करने की बात कही जाती है। मेरे मत में अगर प्रकाशनों से उन्हें पर्याप्त सेल नहीं मिल रही तो अपना व्यापार बनाए रखने के लिए और आगे के इवेंट्स करने के लिए उन्हें अन्य कंपनियों की ज़रुरत पड़ती है।

यह कम करने के लिए हमे इवेंट्स पर और कॉमिक्स फैंस की ज़रुरत है। जो हमारी कॉमिक्स खरीदें और हमे बताये कि हम क्या सही कर रहें है, कहाँ हम गलत हैं, किस किरदार या रचनाकार में क्या सम्भावनाएं है।

Q - भविष्य में कॉमिक्स से जुडी योजनाओं के बारे में जानकारी साझा कीजिये। 
अक्षय - अभी कुछ प्रोजेक्ट्स शुरुआती चरण में है जिनके बारे में बताना संभव नहीं। वैसे इस साल चेरियट कॉमिक्स के साथ मिलकर 3 कॉमिक्स प्रकाशित करने की योजना है। जिनमे से एक होली हल का तीसरा अंक होगा। 

Q - कई पाठक कम प्रचलित या नए प्रकाशन की कॉमिक्स, नोवेल्स और किताबे खरीदने से डरते है। उनके लिए आपका क्या संदेश है?
अक्षय - मेरा यही संदेश है कि हम लालची नहीं है, कला-कॉमिक्स और अंतहीन काल्पनिक जगत के प्रति अपने जनून के लिए कर रहें है। जैसा लोग कहते हैं सिर्फ जनून से पेट नहीं भरते इसलिए हमे आपके सहयोग और मार्गदर्शन की आवश्यकता है। यह बिल्कुल ज़रूरी नहीं कि जिस चीज़ से आप अंजान हों वह अच्छी नहीं होगी। नयी प्रतिभाओं को मौका दीजिये, कुछ नया मनोरंजन आज़मा कर देखिये.....हो सकता है आपके सहयोग से कई कलाकारों का जीवन सफल हो जाए। बहुत-बहुत धन्यवाद! 
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